Continental Drift Theory
( महाद्वीपीय प्रवाहित सिद्धांत )
अगर बात की जाये भारत के पड़ोसी देश की तो उत्तर पूर्व में पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान ; उत्तर में चीन , भूटान , नेपाल और पूर्व में बांग्लादेश ही क्यों है ? आपलोग सोच रहे होंगे ये प्रकृति है , भगवान ने इसकी रचना की है | आज हमलोग इसके पीछे छिपे हुए वैज्ञानिक कारण पर चर्चा करेंगे |Alfred Wegener ( 1880 -1930 )
( अल्फ्रेड वेगेनर )
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Alfred wegener |
अल्फ्रेड वेगेनर जर्मन के ध्रूवीव शोधकर्ता ,मौसम विज्ञानी ( meterologist ) और भूभौतिकी में अपनी रुचि रखते थे | अपने जीवन काल में उन्हें मौसम विज्ञान के सफलता के लिए प्राथमिकता दी जाती हैं | उन्होंने मौसम जांच के दौरान विश्व के मानचित्र में अजीब आकार देखा | उन्होंने देखा की 29 % दुनिया एक पहेली ( puzzle ) की तरह दिखती है |
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part of world map |
दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीका आपस में मिलते हुए प्रतीत होते है , इस विषय में गहन शोध में बाद उन्होंने बताया सभी महाद्वीपीय एक बड़े से आकार में थे जो अब अलग-अलग टुकड़े में विभाजित हो चुके है , उन्होंने बड़े टुकड़े को पैंजिया ,(pangaea-Greek word means Entire Earth ) और उसके चारो तरफ़ सिर्फ पानी था जिसे पैंथलास सागर के नाम से जाना गया | जो 250 मिलियन वर्ष पहले अस्तित्व में था |
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factgayan |
धीरे धीरे समय बितता गया और पैंजिया दो दुकड़े में बिभाजित हो गये ; इसका कारण अल्फ्रेड ने धरती के निचे फटने ज्वालामुखी और गरम लावा को बताया | पैंजिया का एक टुकड़ा उत्तर और एक दक्षिण की ओर चला गया जो लॉरेशिया ( LAURASIA ) और गोंडवाना ( GONDWANA) के नाम से जाना जाने लगा | दोनों के विभाजित के दौरान बिच में पानी आगया जो एक सागर में परिवर्तन हो गया जिसका नाम टेथीस (Tethys Sea ) रखा गया | गोंडवाना लैंड से विभाजित टुकड़े में अरब ,अफ्रीका , दक्षिण अमेरिका ,अंटार्कटिका ,ऑस्ट्रेलिया और भारत के प्रायद्वीप शामिल थे |
लॉरेशिया से विभाजित टुकड़े में उत्तरी अमेरिका , ग्रीनलैंड ,यूरोप और हिमालय के अधिकांश एशिया शामिल थे |
अल्फ्रेड वेगेनर ने दुनिया के सामने अपनी बात रखी तो लोग उनका मजाक उड़ाने लगे | उपरांत महाद्वीपीय प्रवाहित विषय पर अनुसंधान करने के बाद इन्होने कुछ सबूत दिये
अल्फ्रेड अपने अनुसंधान के दौरान देखे की समुन्द्र तट और भूमि एक साथ किसी पहेली ( Jigsaw puzzles ) की तरह एक होते दिखे |
समंदर के दोनों ओर बात की जाये तो दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीका के चट्टानों में समान जीवाश्म ईंधन पाए गए है | ये सिर्फ दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीका में ही नहीं बल्कि और भी बहुत स्थान में देखा गया |
समुद्र के दोनों ओर चट्टानों और पहाड़ों की संरचना समान पाई गई , बात की जाये तो उत्तरी अटलांटिक ,उत्तर पूर्वी अमेरिका और उत्तरी यूरोप के पर्वत श्रृंखला और चट्टानें बिल्कुल एक जैसी हैं |
अल्फेर्ड ने कुछ अतीत डेटा को अध्यन किया और देखा की हिमनद (ग्लेशियर -Glacier ) भूमध्यरेखीय क्षेत्र ( equatorial region ) में पाए गये है और कोयला ध्रुवीय क्षेत्रों (polar region ) में पाये गये हैं , लेकिन ग्लेशियर आमतौर पर अधिक ऊंचाई के कारण बनते हैं | उसी प्रकार वनस्पति (flora) के कारण कोयला और जीव (fauna ) के कारण पेट्रोलियम बनते हैं | प्राकृतिक आपदा के कारण जंगल जमीन में समा जाते है ,उसके बाद नदी तलछट (sediment -कंकर पत्थर ) जमा कर लेती है | और 100 साल बाद यह कोयला में बदल जाती है | गर्म क्षेत्र में कोयला पाया गया और गर्म क्षेत्र में ग्लेशियर भी पाए गए |
अल्फ्रेड वेगेनर ने दुनिया के सामने अपनी बात रखी तो लोग उनका मजाक उड़ाने लगे | उपरांत महाद्वीपीय प्रवाहित विषय पर अनुसंधान करने के बाद इन्होने कुछ सबूत दिये
Evidence Of Continental Drift Theory
( महाद्वीपीय प्रवाहित सिद्धांत के सबूत )
( 1 ) The Apparent Fit Of The Continent
( महाद्वीपो के एक दूसरे में स्पष्ट फिट हो जाना )
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jigsaw puzzles |
अल्फ्रेड अपने अनुसंधान के दौरान देखे की समुन्द्र तट और भूमि एक साथ किसी पहेली ( Jigsaw puzzles ) की तरह एक होते दिखे |
( 2 ) Correlation Of Fossile Fules
( जीवाश्म ईंधन का सहसंबंध )
समंदर के दोनों ओर बात की जाये तो दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीका के चट्टानों में समान जीवाश्म ईंधन पाए गए है | ये सिर्फ दक्षिण अफ्रीका और अफ्रीका में ही नहीं बल्कि और भी बहुत स्थान में देखा गया |
( 3 ) Rocks And Geographical Structure
( चट्टानों और भौगोलिक संरचना )
समुद्र के दोनों ओर चट्टानों और पहाड़ों की संरचना समान पाई गई , बात की जाये तो उत्तरी अटलांटिक ,उत्तर पूर्वी अमेरिका और उत्तरी यूरोप के पर्वत श्रृंखला और चट्टानें बिल्कुल एक जैसी हैं |
( 4 ) Paleoclimate Data ( past climate data )
( अतीत जलवायु डेटा )
अल्फेर्ड ने कुछ अतीत डेटा को अध्यन किया और देखा की हिमनद (ग्लेशियर -Glacier ) भूमध्यरेखीय क्षेत्र ( equatorial region ) में पाए गये है और कोयला ध्रुवीय क्षेत्रों (polar region ) में पाये गये हैं , लेकिन ग्लेशियर आमतौर पर अधिक ऊंचाई के कारण बनते हैं | उसी प्रकार वनस्पति (flora) के कारण कोयला और जीव (fauna ) के कारण पेट्रोलियम बनते हैं | प्राकृतिक आपदा के कारण जंगल जमीन में समा जाते है ,उसके बाद नदी तलछट (sediment -कंकर पत्थर ) जमा कर लेती है | और 100 साल बाद यह कोयला में बदल जाती है | गर्म क्षेत्र में कोयला पाया गया और गर्म क्षेत्र में ग्लेशियर भी पाए गए |
अल्फ्रेड उलझन में थे की यह परिवर्तन कैसे हो रहे ?
उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि :
( 1 ) continent and ocean are not moving its due to shifting of climate .
( 1 ) continent and ocean are not moving its due to shifting of climate .
अर्थात - महाद्वीप और महासागर जालवायु के स्थानांतरण के कारण इसे स्थानांतरित नहीं कर रहे है |
( 2 ) continent are moving but climate is almost constant .
अर्थात - महाद्वीप प्रवाहित कर रहे है, लेकिन जलवायु लगभग स्थिर हैं |
अंत में अल्फ्रेड ने पुष्टि की कि जलवायु स्थिर रहना संभव नहीं है और इस बात से इन्होने महाद्वीपीय प्रवाहित सिद्धांत को साबित किया | लेकिन अल्फ्रेड वेगेनर यह स्पष्ट नहीं कर सके की महाद्वीप के पीछे कौन सी बल (force ) इस चला पा रही है |
next part to be continue ...…
दुनिया धीरे कोई चल रही जानिए
https://factgayan.blogspot.com/2020/05/nasa-report.html
क्यों नहीं उड़ाते तिब्बत के ऊपर हवाई जहाज़ जानिए
https://factgayan.blogspot.com/2020/05/blog-post_15.html
धन्यवाद
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