NORTH SETINEL ISLAND

tribes 
उत्तरी सेंटिनल आइलैंड,बंगाल की खाड़ी में  लगभग 572 छोटे बड़े
दूीपो से मिलकर बना अण्डमान और निकोबार दूीप जिसकी
राजधानी  पोर्ट ब्लेयर है | जहाँ पर अभी भी आदिवासी लोग पाये
जाते है|

 Geography (भूगोल ) 




Location                                                     Bay of Bengal

Coordinates                                              11.57drg N 92.241drg E



Area                                                          56.67 km square 


Length and Width                                    7.8km / 7.0km 

Coastline (समुद्र तट से दुरी )                      31.6 km
High elevation (उच्चतम ऊंचाई )               122 m 


Union territory                                        Andaman and Nicobar 

District                                                    South Andaman

Population                                              500 (approx)

Time Zone                                              IST (UTC + 5:30)

Avg. summer temperature                     30.2drg C

Avg. winter temperature                        23.0drg C




उत्तरी सेंटिनल आइलैंड


उत्तरी सेंटिनल आइलैंड जो की भारत का हिसा है , लेकिन यहाँ पर रहने वाले आदिवासी को ये तक पता नहीं की भारत किस चिड़िया का नाम है | 





इसकी दुनिया बस एक छोटे से दूीप जो लगभग 60km sq तक सीमित है | यहाँ के रहने वाले आदिवासी को लगता है, दुनिया इतनी ही है और जो भी बाहर  के लोग आते है इनके लिए वो सिर्फ एलियन के सामान है| आदिवासी लोगो को बाहरी लोगो को देख कर उन्हें मार देते हे, क्युकि उन्हें लगता है की ये हमलोग के लिए एक खतरा हैा

नार्थ सेंटिनल आइलैंड 

अण्डमान और निकोबार 572 छोटे बड़े दूीप के समूह है,जिसमे से एक सेंटिनल आइलैंड भी एक है | यहाँ पर रहती है santinel tribe जो की आधुनिक दुनियाँ से सिर्फ 36km दुर है, जो की साउथ अण्डमान का एक अत्याधुनिक टाउन है, जहाँ पर उनको हर तरीके के सुविधा मिल सकती है और यही नहीं इसके साथ 50km के दुरी पर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है जो इनके लिए रहस्य्मय दुनिया जैसी है| इनके साथ साथ आदिवासी लोगो को सरकार के तरफ से अनेक सुविधा मिल सकती है, जिन से वो अभी अज्ञात है |




Discovery And  Mystery  


modern civilization की इतनी पास रहते हुए भी ये उनसबो से अज्ञान है| माना जाता है की 13th सदी में मार्कोपोलो के द्वारा ये रहसयमय दुनिया का खोज किया गया था | मॉर्कोपोलो ने ये भी कहा था की , ये आदिवासी है, जो बहुत ही हिंसा करनेवाला है और अपनी जनजाति को छोड़ के किसी भी व्यक्ति को मार के खाने में जरा सा भी संकोच नहीं करते | 



17th सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी का कहना है, की वो इसके पास से गुजरे थे और उन्होंने यहाँ कुछ हलचल देखी थी | इसके बाद 1867 में सेंटिनल ट्राइब्स के नजदीक से एक व्यापारी जहाज गुजरी उस समय मानसून था जिसकी बजह से समुन्द्र भी अपने उफान पर था | इधर जहाज भी अपनी संतुलन खो चूका और जाकर एक चट्टान से टकरा गई | लोगो से अपनी जान बचाने के लिए आइलैंड की ओर अपना रुख मोरा जिसकी वजह से उत्तरी सेंटिनल आइलैंड के आदिवासीओ ने उनपर हमला कर दिया | जहाज में करीबन 106 लोग मौजूद थे | उनलोगो ने अपने ऊपर हमला होते देख वापस समुन्द्र में कुद गये | वहाँ से गुजरती Royal Navy की एक जहाज जिन्होंने इन लोगो को बचाया |





 British visitor 


सन् 1880 में India  के British  Government ने तय किया , कि आदिवासी को भी मुख्य अस्तर पर सहायता की जाये | 
जिसके लिए एक विशेषज्ञ टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व मॉरिश को दिया गया उनका काम सेंटिनल आदिवासी लोगो के बारे में अध्ययन करना , उनके जीवन शैली  और संस्कृति के बारे में जानना था  | 


वो और उनके टीम दो दिनों में  छ: आदिवासियों को पकड़ा जिसमे से चार बच्चे ,एक महिला और एक पुरुष थे | महिला और पुरुष के धीरे धीरे तबियत खराब होने लगे जिसके कारण उनकी मौत हो गई|  
उसके बाद देखा गया इनका प्रतिरक्षा तंत्र अर्थात Immune System में कुछ समस्या है | और इधर बच्चे भी बिमार हो रहे थे तो उनको वापस सेंटिनल आइलैंड पर छोड़ दिया गया 


भारत सरकार के द्वारा चलायी गई कुछ मुहीम :



सन् 1965 में Indian  Government ने एक मुहीम चलाया जिसके तहत इसके 10km की दुरी तक कोई नहीं जा सकता है |  इसका मुख्य कारण एक छोटी सी बिमारी भी पूरे  जनजाति को नष्ट कर सकती है |  
जो की प्रतिरक्षा तंत्र की समस्या को एक मुख्य महामारी के रुप ले सकती है |


सन् 1974 में National Geographycal Team को इस अनोखी आइलैंड पर documentary बनाने का अनुमति मिल गई , और वो लोग इस आइलैंड के आस पास घूमने लगे इसके दौरान इनलोगो पर भी हमला हुआ |  फिर  इनलोगो को अपना प्रोजेक्ट समाप्तः करने की आदेश मिल गयी 
माना जाता हे, की अभी तक इतिहास में एक बार भी येसा नहीं हुआ की ये लोगो ने किसी पर हमला नहीं  किया  | 

first contact 


भारत के रहने वाले त्रिलोक पंडित जिन्होंने आदिवासी को एक नारियल दिए और आदिवासी लोगो ने कोई हमला नहीं किया | ये एक आश्चर्य की बात है सायद आदिवासियों को इनसे कोई खतरा महसूस नहीं हुआ होगा |  त्रिलोक पंडित अभी तक एकमात्र ऐसे हे, जो इस आइलैंड से सुरक्षित लौट अये है |  

Helped by Indian Air Force  



सन् 2004 में आई सुनामी जिससे केरल के कई राज्ये को नुकसान हुआ और अंडमान के बहुत सारे आइलैंड को नुकसान हुआ | इसके बाद Indian government को इनकी चिंता होने लगी  और Indian Air Force को उनके सहायता के लिए भेजा लेकिन वहाँ पहुँचते ही आदिवासियों ने तिर और भाला से उनपर हमला कर दिया जिससे उनके जीवित होने का सबुत मिल गया और force वापस आ गई 


 

John Allen Chau killed by Sentinel Tribes   

jhon allen chau 
सन् 2018 में Christian धर्म के प्रचारक Jhon Allen Chau ने मछुआरा को कुछ पैसे दे कर Indian Navy से छुपते हुए sentinel island पर पहुँच गया परंतु उसका स्वागत तिर और भला के साथ किया गया और तिर लगने के कारण वो वही मारा गया |   


Migingo island ke bare me jane visit below site 



                                                                      Thanks for reading

                                                                   Author    Vishal kuamr
                                                                  companion  Gopal kr jha   

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